ज़िंदगी एक चायें,
में डूबे पार्ले जी बिस्कुट,
की तरह हो गयी है
कुछ सपने हैं
कुछ तन्हाई हैं
पहले चायें की सिसकियों
का मज़ा हैं
फिर डूबते हुये
बिस्कुट की निराशा हैं
ज़िंदगी एक चायें,
में डूबे पार्ले जी बिस्कुट,
की तरह हो गयी है
कुछ सपने हैं
कुछ तन्हाई हैं
पहले चायें की सिसकियों
का मज़ा हैं
फिर डूबते हुये
बिस्कुट की निराशा हैं